है प्रिय यदि तुमको कोई जन, पा लो तुम प्रेम समर्पण से। है प्रिय यदि तुमको कोई जन, पा लो तुम प्रेम समर्पण से।
जिनके पिय घर पर नहीं, उनको रहा मलाल। ठंडी आहें भर रहे, हाँ जैसे कंगाल।। जिनके पिय घर पर नहीं, उनको रहा मलाल। ठंडी आहें भर रहे, हाँ जैसे कंगाल।।
वे क्या पाएँगे जीवन में जो सोते रह जाएंगे। वे क्या पाएँगे जीवन में जो सोते रह जाएंगे।
वो पुत्र बात जो समझ सके, जीवन मधुरस वो पीता है। वो पुत्र बात जो समझ सके, जीवन मधुरस वो पीता है।
आया फागुन का महीना, खुशी मना ले होली में। आया फागुन का महीना, खुशी मना ले होली में।