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shagun Kumari

Inspirational Others

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shagun Kumari

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सुबह

सुबह

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सूरज की किरणें आती हैं,

सारी कलियां खिल जाती हैं,

अंधकार सब खो जाता है,

सब जग सुंदर हो जाता है।

चिड़ियां गाती हैं मिलजुल कर,

बहते हैं उनके मीठे स्वर,

ठंडी-ठंडी हवा सुहानी,

चलती है जैसी मस्तानी।

यह प्रातः की सुख बेला है,

धरती का सुख अलबेला है,

नई ताजगी, नई कहानी,

नया जोश पाते हैं प्राणी।

खो देते हैं आलस सारा,

और काम लगता है प्यारा,

सुबह भली लगती है उनको,

मेहनत प्यारी लगती जिनको।

मेहनत सबसे अच्छा गुण है,

आलस बहुत बड़ा दुर्गुण है,

अगर सुबह भी अलसा जाए,

तो क्या जग सुंदर हो पाए।


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