मैं तुम्हारी हूँ.....
मैं तुम्हारी हूँ.....
मोहब्बत सर पे छाई है, इजाजत लेने आयी है,
दिल जो मान चुका पहले, सही बतलाने लायी है,
क्या करूँ साथ यहीं तक था, कैसे कहूँ जो तुझको जाना था,
फिर भी धड़कन ना माने अब...जो तुझको दिल से चाहा है
मुकम्मल कर रब से माँगी थी, हज़ारों दुआओं से थे तुम,
क्या करूँ जो राह तुमने चुनी, मेरी दुनिया से होने को गुम,
जाओ तुम पसंद की दुनिया में, सभी ख़ुशियाँ मिले तुमको,
दामन में चाँद तारें हो, चाहे तुम भूल जाओ हमको,
फिर भी धड़कन ना माने अब, तुझ बिन आँखें रहेंगी नम,
हो ग़र शायद साँसें मेरी बाक़ी, तब तक तेरे ही रहेंगे हम...