यादें बचपन की
यादें बचपन की
पानी में बहती वो कश्ती काग़ज़ की,
फूलों में बैठी वो तितली रंगो की,
गगन पे उड़ते ये पंछी चमन के,
ये सारी एक एक कहानी.......
जो आज भी याद दिलाती, यादें बचपन की
वो सावन की पहली बारिश की बूँदें,
वो फागुन की रंगों में होली की शामें,
वो कोयल की मदमस्त सुरीली तानो में,
इन सब में है कहानी,
जो आज भी याद दिलाती है, यादें बचपन की,
वो बचपन की यादों से कोई मिले तो,
जैसे बजने लगती यादों वाली साज,
ये बचपन नहीं दिल से जुड़ा सुकून भरा डगर है,
दिल ढूंढता रहता जिसे, वो बचपन किधर है???