Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Action Classics

4  

रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Action Classics

मैं कहीं कवि न बन जाऊं

मैं कहीं कवि न बन जाऊं

1 min
248


मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में ऐ कविता

        मैं कहीं कवि न बन जाऊं.....


मेरा दिल लुभा रहा है चौपाई, छंद, दोहा

मुक्तक ने मेरे मन को मत पूछ कितना मोहा

तेरी हर विधा ने मेरे कविमन को आज मोहा

मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में ऐ कविता

        मैं कहीं कवि न बन जाऊं.....


कभी छंदबद्ध लिक्खूं, कभी छंदमुक्त लिक्खूं

कभी कल्पना लिखूं मैं, कभी भावयुक्त लिक्खूं

जब भी लिखा करूं मैं तो विषय प्रयुक्त लिक्खूं

मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में ऐ कविता

        मैं कहीं कवि न बन जाऊं.....


मैं भाव, अर्थ, रस से तेरा ऋंगार कर दूं

हर रूप में तुम्हारे मैं अलंकार भर दूं

सौंदर्य ऐ कविता तुझमें अपार भर दूं

मैं कहीं कवि न बन जाऊं तेरे प्यार में ऐ कविता

        मैं कहीं कवि न बन जाऊं.....


रिपुदमन झा "पिनाकी"

धनबाद (झारखण्ड)

स्वरचित एवं मौलिक


फिल्म - प्यार ही प्यार

धुन - मैं कहीं कवि न बन जाऊं


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama