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Pinky Ashku

Drama Inspirational

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Pinky Ashku

Drama Inspirational

मैं इन्सान हूँ

मैं इन्सान हूँ

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मैं हिन्दू हूँ,

मैं मंदिर जाता हूँ,

मैं मुस्लिम हूँ,

मैं मस्जिद जाता हूँ।


मैं सिख हूँ,

मैं गुरुद्वारे जाता हूँ,

क्या हम कभी यह कह सकते हैं,

मैं इन्सान हूँ,

मैं इन्सनियत को मानता हूँ।


क्यों हम भूल गये हैं,

कि पहले हम इन्सान हैं,

जब हाथ कटता है तो,

हिन्दू को खून और,

मुस्लिम को पानी निकलता है।


जब भाषा एक है,

वेशभूषा एक है,

बोली एक है,

तो क्यों हम मजहब,

के नाम पर लड़ते हैं।


क्यों हम भेदभाव करते हैं,

क्यों हम इन्सान को मजहब,

के नाम पर सूली चढ़ाते हैं।


क्यों हम एकजुट,

होकर नहीं रहते,

क्या हम कह सकते हैं,

कि मैं इन्सान हूँ।


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