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मैं और तुम

मैं और तुम

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राह चलते चलते मंजिल पाना

आसान हो जाता है

अगर तुम साथ हो।


रास्ते भी मिलों लम्बे हो जाते

अगर तुम साथ न हो,


अगर तुम साथ हो तो

कब ये दिन कट जाते हैं,


ठहर जाती हैं ये पवन,

थम जाती हैं बारिश।


तब तुम मैं बन जाती हूँ

और मैं तुम बन जाते हो।


तुम से मैं बनने का सफर

इतना आसान नहीं,


इस के लिए जरूरत पड़ेंगे

ढेर सारे त्याग और

तकलीफ झेलने की क्षमता।


धरती स्वर्ग बन जाएगा

जिस दिन सब में से

हम-सब बन जाएंगे


और खुशनुमा बन जाएगा

ये गगन पवन।।


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