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Pujashree Mohapatra

Drama

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Pujashree Mohapatra

Drama

एक अनोखा रिश्ता

एक अनोखा रिश्ता

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कितना अनोखा रिश्ता है हमारा,

मैं तेरी बहन तू भाई है मेरा।

छोटी छोटी बातों में झगड़ते थे हम,

पर फिर भी प्यार हमारा नहीं होता था कम।


बचपन था हमारा शरारत से भरा,

अब सोचते हैं वो दिन लौट आए दोबारा।

तुम्हें अलग सी थाली में परोसती थी मां हमारी,

पर तुम मेरी हिस्से का "कॅक्रोच है देख वहां"

बोलके खाते थे सारी‌।


वो दिन याद करके हँसी आती है बहुत,

पर अब पराई जो हो गई हूँ रोना आता है बहुत

साल में एक बार आता है वो दिन भाई-बहन का,

जब बांधती हूँ में राखी कलाइयों में तुम्हरे।


वो दिन तुम वचन लेते हो मेरी सुरक्षा का,

कभी आने नहीं दोगे आंसू आंखों में मेरे

बड़े होते ही तुमने अपनी जिम्मेदारियां संभाली,

छोटी बहन से ज्यादा तुमने मुझे अपनी बच्ची है माना।


बचपन में शरारत में ही सही तुमने बहुत है मुझे रुलाया,

पर मेरी शादी के वक्त जानती हूं तुम्हारा दिल था बहुत रोया

दूर हूं तुम से पर मेरे दिल में हमेशा रहेगा तुम्हरा प्यार,

आज भी याद हैं मुझे हमारा वो प्यार भरी तकरार।


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