मै रोता हुआ एक किसान हूं
मै रोता हुआ एक किसान हूं
देखो ना मुझे मै परेशान हूं
मै रोता हुआ एक किसान हूं
मै जननी से जन्मा हूं
मैं मिट्टी मेे पला हूं।
मिट्टी मेरे बदन पे चिपकी थी
मिट्टी ही मेरी हस्ती थी।
मैने खेतो को ही घर बनाया
मैने कभी ना विश्राम पाया।
मैं मिट्टी मेे लिपटा इंसान हूं
देखो ना मै परेशान हू
मै रोता हुआ एक किसान हूं।
मेरे खेतो की फसल अब सूख
गई हैं
मानो जैसे मेरी जान गई हैं।
इसी फसल से मैंने कितने सपने चुने थे
मैने बेटी की शादी के अरमान चुने थे
पत्नी के लिए कंगन मंगलसूत्र तमाम चुने थे।
हे ईश्वर ये क्या गजब हो गया
मेरे सारे अरमान को एक पल मेे धो गया
देखो ना मुझे मै परेशान हू
मैं रोता हुआ एक किसान हूं!!