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Shakuntla Agarwal

Abstract Tragedy

4  

Shakuntla Agarwal

Abstract Tragedy

माता की भेंट

माता की भेंट

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212

मैया मैया रटते - रटते,

आ गई तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ, 

मुझे दर्शन दे दो माँ,


चिंताहरणी, मंगलकर्णी,

आके करो उद्धार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


अँधे ने भी आँखें पाई,

और किये दीदार,

मुझे दर्शन दे दो माँ, 

मुझे दर्शन दे दो माँ,


शेरों वाली माँ,

पहाड़ों वाली माँ,

चिंताहरणी, मंगलकर्णी,

आके करो उद्धार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


लँगड़े ने भी टाँगे पाई,

चलके आया तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


हे लाटों वाली माँ,

हे लाटों वाली माँ,

मुझे शक्ति दे दो माँ,

मैं आऊँ तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


भोगी ने भी माया पाई,

आया तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझको भी तो लक्ष्मी दे दे,


मैं आऊँ तेरे द्वार,

ऊँचे भवनों वाली माँ,

ऊँचे महलों वाली माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


रोगी ने भी काया पाई,

आया तेरे द्वार,

मुझको भी निरोगी काया दे दे,

आऊँ तेरे द्वार,

हे शेरों वाली माँ,

पहाड़ों वाली माँ,

मैया मैया रटते - रटते,

आ गई तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ, 

मुझे दर्शन दे दो माँ,


गंगाजल से तोहे नहलाऊँ,

लाल चुनरियाँ तोहे उढ़ाऊँ,

मेहँदी, बिंदी, हार पहनाऊँ,

हलवा - चने का भोग लगाऊँ,

करलो माँ स्वीकार,

मुझे दर्शन दे दो माँ, 


मुझे दर्शन दे दो माँ,

हे सिद्धिदात्री माँ, 

चिंताहरणी, मंगलकर्णी,

आके करो उद्धार,

मुझे दर्शन दे दो माँ,

मुझे दर्शन दे दो माँ,


कमर में तगड़ी, पाँव में पायल,

बालों में गजरा, मैं सजाऊँ,

नाक में नथिनी तोहे पहनाऊँ,

नाच - नाच के तोहे रिझाऊँ,

पंचमेवा का भोग लगाऊँ,

आके करो स्वीकार,


हे लाटों वाली माँ,

हे भवनों वाली माँ,

हे शेरों वाली माँ,

मैया मैया रटते - रटते,

"शकुन" आ गई तेरे द्वार,

मुझे दर्शन दे दो माँ, 

मुझे दर्शन दे दो माँ।


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