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मासूमियत...

मासूमियत...

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उसका दिल 

जब कोई 

दुखाया होगा, 

उसे 

अपना बनाकर 

जब कोई 

ठुकराया होगा, 

तब उसे 

मेरी याद 

आयी होंगी, 

और मेरी 

मासूमियत को सोचकर, 

  

महफ़िलो में भी 

वो खुद को 

तन्हा पाया होगा,

जब -जब

उसके अश्क़ बहे 

मैं बरसात 

बन गया, 

धुप हुआ तो मैं 

चांदनी रात बन गया, 



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