मुन्ना मांगे हवा मिठाई
मुन्ना मांगे हवा मिठाई
पूस के मेले में नन्हें बचवा को ,
ज़ब लेकर गई उसकी माई !
अड़ गया एकदम ज़िद पर ललना ,
और लगा माँगने हवा मिठाई !
एक तो ठंडी, ऊपर से शीत लहरी ,
कोड़ करेजा काँपै ऐसे मैया सिहरी !
चिलका को ओढ़ाया साड़ी का आँचल ,
ठण्डी से मुश्किल से बचकर निकरी !
बचाने लगी पैसा रुपैया जोड़ महतारी ,
ना लिया ओढ़ना ना लिया नई साड़ी !
औरन के घर अंगना तक बुहारी ,
पर मैया अबके ना शीत से जाएगी हारी !
मैया ने बालक को रोज़ गोरस पिलाई ,
सर्दिया बैरन से हुई तैयार करन लड़ाई !
दुम दबाकर भागी अबके जो सर्दी आई ,
अम्मा ने मुन्ना के लिए बनवाई नई रजाई !
©®V. Aaradhyaa
