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Akanksha Gupta (Vedantika)

Classics Inspirational Others

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Classics Inspirational Others

बरसों बाद आजाद हुई हूँ मैं

बरसों बाद आजाद हुई हूँ मैं

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 बरसों बाद आजाद हुई हूँ मै


अपनी सपनो की उड़ान भरने को


काट दिए हैं मेरे पंख बेशक


पर हौसला अभी बाकी हैं


मेरे पंखों की लिखावट


नभ पर उभरनी बाकी है


बरसों बाद आजाद हुई हूँ मैं


अपनी लिखी इबारत पढ़ने को


हूँ अनजान मैं इस दुनिया से बेशक


पर मुझमें अपनी समझ अभी बाकी है

मेरी नजर से यह दुनिया

अभी बदलनी बाकी है


बरसों बाद आजाद हुई हूँ मैं


अपने मन का गीत गाने को


आवाज मेरी खामोश है बेशक

धड़कन का संगीत अभी बाकी हैं

धड़क रहे संगीत पर अभी

पैर थिरकना अभी बाकी हैं

बरसों बाद आजाद हुई हूँ मैं

अपनी जिंदगी जीने को

वक्त बीत चुका आधा बेशक

पर आधा वक्त अभी बाकी है

इस आधे वक्त का एक-एक पल

एक जन्म बनाना बाकी हैं

मुझमें जीवन जीने की इच्छा

रह गई अभी बाकी हैं

मुझमें जीवन जीने की इच्छा

रह गई अभी बाकी हैं



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