Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rajinder Rajan Singh

Classics

4.9  

Rajinder Rajan Singh

Classics

वक्त

वक्त

1 min
244


इस जमाने से एक बात पता चल गई

संभल कर जीने में ही सबकी भलाई है।

वक़्त किसी का महबूब नहीं होता

हर पल बदलता, कोई सोच नहीं सकता।


तुम जिनकी बात करते हो

पीठ पीछे उनके भी विचार बदल जाते।

अपना वक़्त ख़ुद लाना पड़ता हैं

ये वो दौर नहीं जब एक कामयाब होता है।


पूरे मोहल्ले में खुशियां मनाई जाती थी

जब कोई कामयाब हो कर लौटता था।

आज तो अपना ही अपना नहीं

गैरों से क्या उम्मीद रखोगे ।


जो उम्मीद भी कभी देते 

उनसे हमें उम्मीद नहीं।

हम अपनी परछाई से भी डरते हैं

अंधेरे में ये गायब हो जायेगी।


तो उनका क्या ?

जो हमसे मीलों की दूरी पर हैं

उनसे आशा क्यों 

अपनी मंजिल चुन।


ये वक़्त - वक़्त की चोट 

हर किसी को नसीब होती

किसी के लिए मंजिल बन जाती

किसी के लिए रुकावट।


तभी कहता हूं,

जो हिम्मत दे उसे उठा लो

क्या पता,

उसके पास भी कम पड़ जाएं।


गुजरना है हमने इस दौर से

अभी तो बहुत दिन बाकी

जमाना बदलेगा हमारे सामने

ये वक़्त का संयोग कैसा ।


बस इतना ही कहता हूँ

पीछे से अगर आवाज़ आए

तुमसे नहीं होगा 

तो उसे अपनी कमजोरी मत समझना।


समझना कि तुम मंज़िल की ओर हो

और वो जल रहे हैं

जलने वालों को और जला

पीछे न देख आगे बढ़।


मंज़िल हासिल करनी हैं तो

जमाने को भूल जा 

अपने आप पर विश्वास कर

अपना रास्ता अपने हाथ से लिख।


Rate this content
Log in