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Ashok Kumar Pradhan

Classics

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Ashok Kumar Pradhan

Classics

" माँ तुझे सलाम "

" माँ तुझे सलाम "

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जिसने कोख से जन्म दिया 

जिसने मुझे दूध पिलाया 

सबसे ऊँचा है उसके नाम 

वह है माँ...


गोद मे बैठे चांद को बुलाया 

नीले अम्बर से तारों को तोड़ा 

आंचल मे जिसकी मुहँ छुपाया 

वह है माँ...


मेरे लिए कितनी तकलीफ उठाया 

हाथ पकड़ के चलना शिखाया 

गिरे डगरियाँ में मुझको संभाला 

वह है माँ...


रात रात भर खुद भी ना सोया

तबीयत बिगड़ने पर बहुत रोया 

पूजा प्रार्थना उपासना किया 

वह है माँ...


स्वर्ग जिसकी कदम को चुम्मा 

उसकी पैर सुबह शाम को छूआ 

विनती हर जन्म बने मेरी माँ 

वह है माँ...


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