मामा ही निकला हत्यारा
मामा ही निकला हत्यारा
मामा ही निकला मासूम का हत्यारा
मासूम बच्ची को उसने बेमौत मारा
अब किस पर यकीन करे कोई तारा
जब आसमाँ निगल गया चाँद-तारा
उसने तो मामा को बचाया कुत्ते से,
वो निकला,कुत्ते से भी बुरा नजारा
तोड़ दिया उसने तो सब रिश्तों को,
पापकर्म में पीछे छोड़ दिया कंस को,
मामा से बदनाम हुआ समाज हमारा
मामा ही निकला मासूम का हत्यारा
मामा ने घोंट दिया गला भरोसे का
विश्वास से अब विश्वास उठा हमारा
दो शब्द से बना मामा शब्द प्यारा
दुष्ट मामा ने शब्द को किया बेचारा
ऐसे नर पिशाचों को छोड़ना मत,
जहां दिखे गोली मारो समाज सारा
दरिंदगी में जो मानवता भूलते है
दरिंदगी में जो मां-बहिन भूलते है
इन दैत्यों को तनिक न दो सहारा
इनको बनाओ नपुंसक किनारा
ताकि समाज को एक संदेश मिले,
फिर से न बन सके कोई तम तारा
सर्प से भी ज्यादा जहरीला जो मन,
उस पर मारो सब लाठी बारम्बारा
मातृशक्ति तुम रूप धरो काली का
दानवों का चुन-चुनकर करो संहारा
अब अपनी बेटियों को शिक्षा साथ,
चाकू,छुरी चलाना सिखाओ यारा
मामा ही निकला मासूम का हत्यारा
इन्हें फांसी दो सरेआम समाज सारा
ताकि फिर से कोई भी हिम्मत न करे
दुष्कर्म की समाज मे कोई दुबारा।