लिखूं तो क्या लिखूं
लिखूं तो क्या लिखूं
लिखूं अब तो,
क्या लिखूं ?
तेरी प्यार की शाखाएं लिखूं
या, तेरी गलियों की हवाएं लिखूं
घुटने टेक करता था सजदा
तेरे लिए, मांगी वो दुआएं लिखूं ।
कही गई आखिरी बाते लिखूं
या, आखिरी मुलाकाते लिखूं
जो प्यार हुआ था सावन में
उस सावन की बरसाते लिखूं ।
खुद पर ली गई बलाएं लिखूं
या, काटती हुई साजाएं लिखूं
अब तू मेरे मन का आगंतुक हैं
तुम्हे आए लिखूं या, जाए लिखूं
हो रहे जन पर, अत्याचार लिखूं
या, देश में हो रहा,भ्रष्टाचार लिखूं
तू खुश रहे हमेशा अपनी ज़िन्दगी में
ऎसी कोई मौत का समाचार लिखूं ।

