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Jaya Bhardwaj

Fantasy

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Jaya Bhardwaj

Fantasy

लापता हूं मैं कब से

लापता हूं मैं कब से

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लापता हूं मैं कब से तुम्हारे ख्यालों में, 

बेहिसाब कोशिशें कीं, मैंने इससे बाहर आने में।

कुछ दोस्त थे मेरे !!

जो ले गये मुझे मयखाने में, और लगे सुरूर बनाने में।

वैसे तो मैं अज़ीम और आदिल हूं।

पर वक्त-ए-जरूरत देखते हुए, 

मैंने भी डूब जाने दिया खुद को इस अफसाने में।

फिर जो धीरे-धीरे रात गहरी होने लगी, 

और फिर देर हुई घर जाने में।

तब याद आया, कि कोई अदम नहीं इस कल्पनाशील कहानी में।


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