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Jaya Bhardwaj

Romance Fantasy

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Jaya Bhardwaj

Romance Fantasy

आज बारिशें आईं हैं मेरे शहर में

आज बारिशें आईं हैं मेरे शहर में

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आज बारिशें आईं हैं मेरे शहर में। 

तो उनका यूं आ जाना भी कुछ लाज़मी सा था।

धरती की इतनी तपन देखकर, 

आसमान का यूं बरस जाना भी कुछ लाज़मी सा था।

माना कि वो मुखातिब तो नहीं है मेरे जज़्बातों से,

मगर उनका मेरे ख्यालों में आना तो कुछ लाज़मी सा था।

और बारिश की बूंदों में मुझे उनका नज़र आना भी

कुछ लाज़मी सा था। 


यक़ीनन वो रूबरू ही नहीं मेरे जज़्बातों से,

वरना इतनी बारिशों में भी उसके दिल का पिघल जाना

और उनका लौट आना, कुछ लाज़मी सा था।

ख़ैर, अब जो इतने बाद

आज बारिशें आईं हैं मेरे शहर में। 

तो मन का खिल जाना भी कुछ लाज़मी सा था ।

और आंखों का भर आना भी कुछ लाज़मी सा था।



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