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Jaya Bhardwaj

Romance

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Jaya Bhardwaj

Romance

वो भी क्या दिन थे ।

वो भी क्या दिन थे ।

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वो भी क्या दिन थे ।

जब वो उम्र भर साथ निभाने की बातें हमें सुनाया करते थे ।

वो भी क्या दिन थे ।

जब वो मेरी हर तस्वीर को अपने फोन का वालपेपर बनाया करते थे ।

वो भी क्या दिन थे ।

जब-जब तकलीफ़ होती थी मुझको, 

मेरे हर दर्द के आंसू उनकी आंखों से छलक जाया करते थे ।

वो भी क्या दिन थे ।

जब वो हमारे फ़ोन से अपनी सुबह और रातें जगाया करते थे ।

और जब उनसे बातें करते हुए लम्हें यूं कट जाया करते थे।

वो भी क्या दिन थे ।

जब हर शख्स था गै़र उनके लिए,

मसलन, वो हमसे ही अपने सारे राज़ बताया करते थे ।

वो भी क्या दिन थे ।

जब मेरी हर खामोशी वो आंखों में समझ जाया करते थे ।


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