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Jaya Bhardwaj

Romance

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Jaya Bhardwaj

Romance

मैं जो बेवक्त पुकारूं तुमको

मैं जो बेवक्त पुकारूं तुमको

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मैं जो बेवक्त पुकारूं तुमको,

तो तुम मिलने आ जाओगे क्या।

दौर-ए-ज़िंदगी बड़ी बेरंग है,

इसमें थोड़ा रंग भर जाओगे क्या।

ग़ैर तो हैं हम वास्ते एक-दूजे,

फिर भरोसा कर पाओगे क्या।

मैं जो बेवक्त पुकारूं,

तो तुम मिलने आ जाओगे क्या।

जिस इज्ज़त के हक़दार हैं मां-बाप मेरे,

तुम वो दे पाओगे क्या।

तमा़म उम्र कटी है उम्मीद और तसव्वुर में,

ताउम्र साथ निभाओगे क्या।

जिंदगी और मौत के बीच का सफर,

एक उम्र बसर कर जाओगे क्या।

मैं जो बेवक्त पुकारूं तुमको,

तो तुम मिलने आ जाओगे क्या।।


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