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Hemant Latta

Tragedy Fantasy

4  

Hemant Latta

Tragedy Fantasy

दर्द किसे सुनाए

दर्द किसे सुनाए

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मजा नहीं है यार, 

ऐसे रहने में, 

कभी कभी लगता है टूट चुके है!!

चारों तरफ लोग, 

बहुत दिखते, 

दिल की किसे सुनाए?

दर्द दिल में हजार है, 

कौन है वो, 

जिसे सब बताएँ?

मुस्कराने में कमी नहीं रखते, 

लेकिन यार दिल को कैसे समझाए?

उसे तो मुस्कराहट नहीं दिखती!

करियर की दौड़ भाग में,

पता भी नहीं,

क्या ही तमाशा किए जा रहे है,

किसी से बात करने का मन नहीं करता,

और जब करता है, 

तो गलत मतलब निकाल लेते है सब!!

काम की जिम्मेदारी अलग, 

उसे भी कौन ही समझे, 

सभी को होती है, 

लेकिन सब शायद लिख नहीं पाते दर्द को, 

कभी-कभी लगता है, 

कि सब कुछ छोड़कर, 

किसी अनजान जगह चले जाये,

अगले ही समय, 

वही जिम्मेदारी फिर याद आ जाती है!!

कितना अजीब है न ये जीवन, 

ये उम्र, 

जहाँ आप न किसी को समझ पाते है, 

न कोई आपको, 

वो कहते है न,

जो अंगुलि घायल होती है, 

दर्द उसी अंगुलि को पता होता है!!

मस्ती करने का मन करे, 

तो साथी ही कह देते है,

कि यार तू बच्चा है क्या?

यार वो बचपन ही अच्छा था, 

जिसमें मिट्टी का महल जरूर था, 

लेकिन उसके भी हम बादशाह थे!!

काश!! फिर वो दिन आये, 

पूरे घर में हम बच्चे बन चक्कर लगाये, 

सारी तकलीफें,

सारे मनमुटाव भूल जाये, 

और जब बारिश आये, 

तो बारिश की थप - थप,

दिल में बस जाये!!

बारिश की बूँदों में आंसू नहीं, 

ठंडक महसूस हो, 

काश वो दिन फिर आए!! 



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