STORYMIRROR

Sandeep Kumar

Tragedy

4  

Sandeep Kumar

Tragedy

क्या यही प्यार है

क्या यही प्यार है

1 min
279

सत्य ना बताना

झूठ को छुपाना

आशिक को रुलाना

क्या यही प्यार है।


जान कर भी

अनजान हो जाना

परेशान करने को

कॉल ना उठाना

क्या यही प्यार है।


चेहरे देखकर

यूं मुस्कुराना

बोलने पर

यूं लजाना

क्या यही प्यार है।


चिट्ठी लिखकर

कॉपी में छुपाना

दबे पांव

चुपके से निकल जाना

क्या यही प्यार है।


बात बात में

नाराज हो जाना

अकेले नहीं

मिलने को आना

क्या यही प्यार है।


अगर यही प्यार है

तो दोस्त हमें बताना

मिलने के लिए

जरूर गली में आना

जरूर गली में आना।


दो शब्द हंस बोल सकूँ

मन का आपा खोल सकूँ

समय निकाल कर आना

दिल की बात जरूर बताना

दिल की बात जरूर बताना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy