आशिक को रुलाना क्या यही प्यार है। आशिक को रुलाना क्या यही प्यार है।
और तेरे हर इंकार पे मेरे दिल इंतज़ार की सौगात लाता है। और तेरे हर इंकार पे मेरे दिल इंतज़ार की सौगात लाता है।
की झूठ बोलना सीखजाने से... आँखों के अल्फ़ाज़ नहीं बदलते... की झूठ बोलना सीखजाने से... आँखों के अल्फ़ाज़ नहीं बदलते...
पाप को हर युग में, सच से मुंह की खानी। पाप को हर युग में, सच से मुंह की खानी।
इस शहर की शैली में, मैं अपने सुर भूल गया। इस शहर की शैली में, मैं अपने सुर भूल गया।
मैं केवल नाम मात्र मेरी पहचान तुम हो। मैं केवल नाम मात्र मेरी पहचान तुम हो।