क्या पता
क्या पता
तस्लीम को क्या पता
तुम्हारी करवटों में
कितनी सलवटों ने
दम तोडे़?
रात के किस्सों तक
हम सो चुके थे
तितलियों के पर की रंगत
किन उंगलियों से
चिपक कर बेरंग हुए
बता सकती हूँ
किस्सों में
उजालों का सफर देखा है।
तस्लीम को क्या पता
तुम्हारी करवटों में
कितनी सलवटों ने
दम तोडे़?
रात के किस्सों तक
हम सो चुके थे
तितलियों के पर की रंगत
किन उंगलियों से
चिपक कर बेरंग हुए
बता सकती हूँ
किस्सों में
उजालों का सफर देखा है।