तितलियों के पर की रंगत किन उंगलियों से चिपक कर बेरंग हुए। तितलियों के पर की रंगत किन उंगलियों से चिपक कर बेरंग हुए।
रंग बिरंगी तितलियों जैसे फहराते हैं मेरे ख्वाब। रंग बिरंगी तितलियों जैसे फहराते हैं मेरे ख्वाब।
विश्वास मुस्करा रहा है उम्मीद आदमी की तरह आदमी के गले लग रही है विश्वास मुस्करा रहा है उम्मीद आदमी की तरह आदमी के गले लग रही है
फिर भी तितलियों को छोड़ कलियों को देखा हैं फिर भी तितलियों को छोड़ कलियों को देखा हैं
लौट कर आया हूँ क्यों धरा में अभी, सब छोड़ कर। लौट कर आया हूँ क्यों धरा में अभी, सब छोड़ कर।