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Amrita Mallik

Abstract

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Amrita Mallik

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मेरे ख्वाब

मेरे ख्वाब

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रंग बिरंगी तितलियों जैसे फहराते हैं मेरे ख्वाब

जो आनंद उन्हें सिर्फ देखने में होता है

वो मज़ा उसके पीछे भागने में या पकड़ने में कहाँ ?


आये वो मेरे आंगन में, द्वार खुला है मेरा हमेशा ही

मुझे उत्साहित और प्रेरित करे, बस यही है दुआ मेरी

विनती है मेरी ईश्वर से, फूलों की महक हमेशा बरक़रार रहे,

कभी ना ख़राब बीज रोपण करूँ अपने अंदर !


फिर भी अगर कुछ ख्वाब देखा है खुद के लिए,

वो है कि करुणामयी रानी राश्मोनी जैसी बनूं..

इस बेरहम और क्रूर दुनिया में दयालु बनना पर्याप्त और उचित काम होगा !


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