जीवन आनंद
जीवन आनंद
जो ख़ुशी खुल के सांस लेने में है,
जो ख़ुशी दोनों हाथ फैलाकर जीने में है
जो ख़ुशी डर के बदले मज़े लेने में है
वो विपुल ख़ुशी ही तो जीवन-आनंद कहलाती है!
धन-दौलत तो एक विलासिता है
जो आज है कल फिर नहीं
लेकिन सच्चे रिश्ते एक बार बना लो तो
हमेशा साथ निभाते हैं.. दुःख हो ख़ुशी!
दुनिया के पीछे भागते हुए स्वभाव बदल जाए
पैसों के आगे कुछ भी नहीं दिखता
ऐसा पैसा किस काम का
जो जिन्दगी भी न मौत से बचा पाए?
परन्तु नेक काम करो तो
खुशियां मिलती हैं बहुत सारी
बिना पैसा गवाए आशीर्वाद भी मिले
सच्चाई का रास्ता कठिन तो है पर मुमकिन भी
लेकिन सच्चे साथी भी तो मिल जाते हैं!
छोटी छोटी खुशियां हैं कीमती मोती
इन मोतियों को प्यार से समेटो
तो बन जाती है ज़िन्दगी की माला,
ये ही पल यादों में रह जाते हैं
चाहे वो अपनों के हों या किसी और के!
आनंद तो बांटने से ही बढ़ जाते हैं
ठीक जैसे दुःख कम हो जाते हैं
अच्छे कर्म करो, अच्छे ब्यबहार करो
तभी तो जीवन का पूरा आनंद ले सकोगे!