यूँ आओ कि
यूँ आओ कि
यूं आओ कि समय थम जा जाए
ज़िन्दगी रुक जाये उसी पल
जी भर के देखु तुम्हें, समेट लूं अपने अंदर
सेहरा खिल जाये, महकते गुलाब की तरह
जैसे निराले आकाश भयानक तूफान के बाद
ख़ुशी से झूम उठूं और दिल गाने लगे !
न रहे कोई बेचैनी, न कोई संशय
तुम्हारे हाथ जो थाम लूं और न डगमगाऊं
बस ये ही एक दुआ है तुमसे
आओ कैसे भी बिना बोले मत जाओ
दिल टूटने का शोर तो नहीं होता है
पर खुद को सम्हालना मुश्किल ज़रूर हो जाता है !

