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writer didi

Tragedy

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writer didi

Tragedy

क्या लडकी होना गलत है।

क्या लडकी होना गलत है।

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आज फिर मैंने समाज को शर्मसार पाया है 

क्या लड़की होना गलत है आज फिर सवाल मन में आया है

चंद्र लोगों ने अपनी हैवानियत का शिकार हम लड़कियों को बनाया है

तुम फिर दे देना छोटे कपड़ों का बहाना जो आज तक होता आया है 

इलजाम लगाकर हमारे कपड़ों पर समाज में आज तक हैवानो को बचाया है।

क्या लड़की होना गलत है आज फिर यह सवाल मन मे आया है।

जब भी कुछ ऐसा होता हर बार मन में यही ख्याल आया है

ना देती वो मांँ जन्म मुझे, जिसने आज मेरा ऐसा शरीर पाया है

क्या लड़की होना गलत है आज फिर यही सवाल मन मे आया है

हमको कपड़ों के लिए समाज नसीहत देते आया है

क्यों नहीं दे पाते हम उन लड़कों को सजा

जिन्होंने उस लड़की को ऐसा मंजर दिखाया है

क्या लड़की होना गलत है आज फिर यही सवाल मन में आया है

क्यों अभी तक उसकी चीखे कोई नहीं सुन पाया है

क्या बीती होगी उसपे क्यू समाज ये समझ नहीं पाया है

समाज जिनको कभी देवी का दर्जा देता आया है

फिर क्यों उसे उन लोगों ने एक लडकी को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है

क्या लड़कियों को गलत है आज फिर यह सवाल मन में आया है


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