Sayrana Vibes
Abstract
अभी तो रंग मेहँदी का उतरा भी नही था,
रंग लहू का लगा दिया,
खुद को ऊचा दिखाने के लिये,
फिर एक स्त्री का खून बहा दिया ।
राधाकृष्ण
भारत
खामोशी का शौर
चाँद
वो दोस्त होते...
दीपो का त्योह...
क्या लडकी होन...
दादू
रंग
बैरी चाँद
हर रंग है हमें दिखाया, जीवन का यह सफर है, सुहाना सफर।। हर रंग है हमें दिखाया, जीवन का यह सफर है, सुहाना सफर।।
हम खुद को किसी ऋषि-मुनि से कम थोड़े ना समझते थे. हम खुद को किसी ऋषि-मुनि से कम थोड़े ना समझते थे.
मैं छुपाना चाहता हूँ तुझसे मेरे सारे आंसू - मेरे सारे दुःख। मैं छुपाना चाहता हूँ तुझसे मेरे सारे आंसू - मेरे सारे दुःख।
विज्ञान जैसे हो कोई रहस्यमयी चमत्कार, जितना जानो उतना ही इसमें अविष्कार I विज्ञान जैसे हो कोई रहस्यमयी चमत्कार, जितना जानो उतना ही इसमें अविष्कार I
स्वतंत्रता निस्संदेह अच्छी है, पर बंधन भी जरूरी है। स्वतंत्रता निस्संदेह अच्छी है, पर बंधन भी जरूरी है।
दोस्ती की अहमियत समझो ये जहॉं को बता दिया जाए। दोस्ती की अहमियत समझो ये जहॉं को बता दिया जाए।
सचमुच मेरा देश बदल रहा है, मेरा देश बदल रहा हैI सचमुच मेरा देश बदल रहा है, मेरा देश बदल रहा हैI
जिंदगी में गांठ तू बांध लेना कि। हिम्मत हौसला है तेरा गहना। जिंदगी में गांठ तू बांध लेना कि। हिम्मत हौसला है तेरा गहना।
परिस्थिति में ज्ञान की रोशनी दे वही सही मायने में अच्छी किताब परिस्थिति में ज्ञान की रोशनी दे वही सही मायने में अच्छी क...
क्यों चाँद को लाये नूर और मेरे बीच, आँख का मेरे हर सितारा कहेगा। क्यों चाँद को लाये नूर और मेरे बीच, आँख का मेरे हर सितारा कहेगा।
साथ जब जब भी तुम्हारे हो "कमल"। ये जहां लगता है जन्नत दोस्तो। साथ जब जब भी तुम्हारे हो "कमल"। ये जहां लगता है जन्नत दोस्तो।
मान लिया बोझ उनको, पालन-पोषण जिन्होंने किया।। मान लिया बोझ उनको, पालन-पोषण जिन्होंने किया।।
ज़माना इन सभी बातों को अब सुनता नहीं होगा। ज़माना इन सभी बातों को अब सुनता नहीं होगा।
कभी-कभी अच्छी नहीं लगती कुछ कविताएं, फिर भी कह देता हूँ कि अच्छी हैं. कभी-कभी अच्छी नहीं लगती कुछ कविताएं, फिर भी कह देता हूँ कि अच्छी हैं.
जिसने बचपन को न जिया, उसने जीवन में बहुत कुछ खोया। जिसने बचपन को न जिया, उसने जीवन में बहुत कुछ खोया।
मन का कोना कोना महके,स्नेह हमें जब जब मिलता है। साथ मिित्र का.…. मन का कोना कोना महके,स्नेह हमें जब जब मिलता है। साथ मिित्र का.….
प्रेम करो भई प्रेम करो जग में आये हो तो प्रेम करो। प्रेम करो भई प्रेम करो जग में आये हो तो प्रेम करो।
ढल जाता है वह भावनाओं और इच्छाओं के बर्तन के आकार में। ढल जाता है वह भावनाओं और इच्छाओं के बर्तन के आकार में।
मैं भी एक किताब लिखूंगी.... अनकहे से कुछ जज्बात लिखूंगी... मैं भी एक किताब लिखूंगी.... अनकहे से कुछ जज्बात लिखूंगी...
छि:! मांस-खून में रहने वाला ईश्वर कितना गंदला है, और मैं कितना साफ-सुथरा। छि:! मांस-खून में रहने वाला ईश्वर कितना गंदला है, और मैं कितना साफ-सुथरा।