चाँद
चाँद
जब जब अंधेरा छाया मेरे चांद ने मुझे उजाला दिखाया है।
चांद की चांदनी ने मेरी अंधेरी रातों को जगमगाया है।
मेरी तनहाई में बस उसी ने साथ निभाया है।
वह सिर्फ चांद नहीं मेरी मंजिल में मेरा हमसफ़र बन कर आया है।
उसी ने मुझे अंधेरे से लड़ना सिखाया है।
वह हर सफर में मेरे साथ घूम कर आया है।
उसी ने मुझे भीड़ से थोड़ा अलग अलग चलना सिखाया है।
निराश हुई जब भी किसी चीज से उसी ने मेरा उत्साह बढ़ाया है,
कह कर कि मेरे दाग को देख लोगों ने भी मेरे ऊपर आरोप लगाया है
पर फिर भी मैं हर रात आसमान में निडर होकर जगमगाया है।
कोई मेरी जीत से खुश हुआ हो या नहीं पर उसने मेरी खुशी में
हर दिन आसमान में उजाला फैलाया है।
वह सिर्फ चांद नहीं मेरा गुरु भी है जिसने मुझे करोड़ों तारों के बीच
चांद बनना सिखाया है और
मेरी जिंदगी का भी एक मकसद है यह बताया है।