भारत
भारत
आओ आज तुम सबको भारत से मिलवाते हैं ,
जो ना जाने तुम वो बात बताते है
शुरुआत से शुरु कर हर पहलू से मिलवाते है
आओ तुम्हारी भारत से पहचान कराते है
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय, जिसके उत्तर छोर पे
हिन्द महासागर पहरा देता दक्षिण के दुआर पे
गंगा-जमुना पावन नदिया बहती इस धरती पे प्यार से
ऐसा पावन देश है अपना, गर्व कर हम यह के बासी है,
यहाँ तिरंगा लहराता शान से, हर दिल में यहाँ बसा हिंदुस्तान वह,
यहाँ का हर बासी भक्ति, बलिदानों के गाने गाता है,
मातृभूमि से प्यार कर, इस मिट्टी की लाज बचाता है,
हर जुबां पे वीर शहीदों का होता यहाँ यश गान है,
इस मिट्टी से मातृप्रेम की गाथा बड़ी महान है,
हमें मातृभूमि से इतना मिला दुलार है,
इसकी आंचल की छैया में ये हमारा छोटा सा संसार है
गांधी, सुभाष, जवाहर, नेहरू का ये प्यारा देश है
जियो या जीने दो सबको देता संदेश हे,
दसो दिशाओं में भारत ने अपना झंडा लहराया हे
शांत, सबर है हम में, लेकिन दुश्मनों को अच्छा स्वाद चखाया है
गर्व करो कि हमने ऐसी संस्कृति की देश में जन्म पाया है,
जहाँ वेद पुराण की खान और आयुर्वेद ने हर रोग को हराया
गर्व करो की इस पावन मिट्टी ने हमें अपनाया है।।