हमारे ही लहु से, सिंदूरी हुआ जा रहा है...! हमारे ही लहु से, सिंदूरी हुआ जा रहा है...!
खुद को ऊचा दिखाने के लिये, फिर एक स्त्री का खून बहा दिया । खुद को ऊचा दिखाने के लिये, फिर एक स्त्री का खून बहा दिया ।
कभी खुशियाँ कम ना हो इस देश की; हमेशा आबाद रहे मिट्टी मेरे वतन की ! कभी खुशियाँ कम ना हो इस देश की; हमेशा आबाद रहे मिट्टी मेरे वतन की !
यादों को तेरी दिल में बसाया ,बाली उमर का चसका चढ़ाया। यादों को तेरी दिल में बसाया ,बाली उमर का चसका चढ़ाया।
जब एक बार इस मे कोई रंग जाए फिर वो उतरता नहीं है। जब एक बार इस मे कोई रंग जाए फिर वो उतरता नहीं है।
गुजिया मिठाई साथ में चखने को लाई है कृष्णा प्रियतमा गुजिया मिठाई साथ में चखने को लाई है कृष्णा प्रियतमा