क्या है जिंदगी
क्या है जिंदगी
खिलता हुआ शबाब है जिंदगी
महसूस करो तो नायाब है जिंदगी
सांसों का एक हिसाब है जिंदगी
बिन पढ़ी एक किताब है जिंदगी
कुछ अधूरी उम्मीदें है जिंदगी
कुछ अनचाही मन्नतें है जिंदगी
कभी सुख की छाया है जिंदगी
कभी दुख की माया है जिंदगी
कभी मदमस्त बसंत है जिंदगी
कभी तेज सी तपन है जिंदगी
कभी अपनों के संग है जिंदगी
कभी परायों के संग है जिंदगी
कभी अमीरी का नशा है जिंदगी
कभी गरीबी की दशा है जिंदगी
कभी खिलखिलाता बचपन है जिंदगी
कभी सुनसान सा यौवन है जिंदगी
इन्ही सवालों का हिसाब है जिंदगी।
गिने तो बेहिसाब है बेहिसाब है जिंदगी
सब कुछ सही तो लाजवाब है जिंदगी
