रंग होली के
रंग होली के
कच्चे पक्के रंग बिरंगे
रंगों संग हम खेले होली
कोई मारे पिचकारी और
कोई खाये भांग की गोली
लाल गुलाबी रंग लगा कर
चारों ओर है धमा चौकड़ी
वो देखो वहाँ राम रहीम की
रंगों से भरी है पिचकारी
कहीं ढोलक की ढम ढम होती
कहीं पानी की बौछार
सब मिलजुल यहाँ खेले होली
राधे कृष्ण करते इजहार
दौड़े भागे पकड़ा पकड़ी
कोई होता सड़क पर निढ़ाल
कितना सुन्दर मंजर होता
कोई बिछाता रंगों का जाल।
