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मिली साहा

Classics

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मिली साहा

Classics

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि

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महाशिवरात्रि शिव शक्ति के मिलन का पावन दिन,

शिव में समाहित शक्ति, दोनों अधूरे एक दूजे बिन,


एक जन्म नहीं, कई जन्मों की है यह प्रेम कहानी,

वैरागी शिव के प्रेम में, दीवानी हुई महलों की रानी,


कठिन तप अग्नि में तपकर, गौरा ने शिव को पाया,

शिव का ख़त्म हुआ इंतजार गौरा संग ब्याह रचाया,


इस अनोखे प्रेम संगम का साक्षी सारा ब्रह्मांड हुआ,

विवाह हुआ पुरुष प्रकृति का सृष्टि का आरंभ हुआ,


भोलेनाथ का सर्वप्रिय दिन ये शिवरात्रि का त्यौहार,

जग कल्याणकारी, शिव शंकर करते सबका उद्धार,


भांग धतूरा चढ़ाने से ही खुश हो जाते भोले भंडारी,

हर लेते मन के विकार महादेव की महिमा है न्यारी,


शिव स्वर्ग,शिव ही मोक्ष शिव तीनों लोकों के स्वामी,

शिव ही जीवन, शिव ही काल, शिव शंकर अंतर्यामी,


शिव चरणों में ध्यान लगाओ शिव नाम अमृतवाणी,

जन्म सफल है उसका जिसने शिव महिमा है जानी।


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