देश पिता
देश पिता
उन गोल चश्मे के पीछे
उसकी समझदार आंखें
उनके सरल शब्द
जनता को हिला सकते थे
उनके अहिंसा एवं
सत्याग्रह सबको तोलते थे
उनके सच्चे प्यार सबको
उनके तरफ खींच लिया
पांच फीट का आदमी
एवं छह फीट का छड़ी
कितना हिम्मत एवं
आत्मविश्वास के साथ
स्वतंत्र के लिए लड़ते थे
ताकत का प्रतीक उसका चरखा
उसकी छड़ी और अनंत जोश को
पकड़े हुए पतला फ्रेम
जब अंग्रेजों ने शासन किया तो
उन्होंने धैर्य के साथ उनसे चर्चा की
तब निराश अंग्रेज चले गए और गांधी का
नाम सभी सात राष्ट्रों में सुना गया !
आज़ भी उनको देश पिता का
नाम से सभी लोग पुकारते
यही उनकी असली परिणाम।
