जिंदगी मौन है
जिंदगी मौन है
मौत की जंग में जिंदगी मौन है।
प्यार की आस पर आशिकी मौन है॥
लड़ रहा आदमी आदमी से यहाँ।
सांच बेबस पड़ी लालची मौन है॥
गुमसुदा हो रही आज इंसानियत।
बेख़ुदी में पड़ी सादगी मौन है॥
है अँधेरा बहुत देख लो हर तरफ।
तेज सोया पड़ा चाँदनी मौन है॥
वायु विपरीत बहने लगी आजकल।
शोरगुल में दिखे मातमी मौन है॥
राह काँटों भरे मिल रहें हैं सभी।
दूर मंजिल मगर सारथी मौन है॥
कायरों की खड़ी हो रही फौज अब।
दौर मुश्किल भरा साहसी मौन है॥
