श्रीराम बटोही
श्रीराम बटोही
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सतत प्रसन्न वदन राम,
भुवन पावन चरित राम,
सूर्य चन्द्र कान्ति से विलसित,
आजानु बाहु राजीवनयन।
नव पल्लव सदृश रक्तिम,
अरुण कोमल चरण राम,
पदन्यास अलंकृत करते,
निर्मल पद रज वाले राम।
पितु वचन पालन के लिये
तापस वेश ले राम बटोही
सिय लखन समेत पदाति
पद चारण कर वन आये।
वचन अगोचर ये पथिक ,
उरस्थल में बसें निरन्तर,
जटाजूट शोभित अभिराम ,
विधि से सतत मनाऊँ राम।।
