कितना है प्यार तुझ में माँ
कितना है प्यार तुझ में माँ
कितने रूप है तेरे माँ,
कितना है प्यार तुझ में माँ।
तुझ में कितना प्यार बसा है
कितने तेरे रूप है माँ
तुझ से ही संसार बसा है
तू हर घर की रानी माँ !
बीवी बनकर जब तू है आती
घर की लक्ष्मी तू बन जाती
बेटी बनकर जब तू आती
इज़्ज़त घर की ज़ीनत बन जाती!
जिस रूप में भी तू आती है
ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ लेकर आती है
जब दुश्मन से तू टकराती है
माँ दुर्गा - झांसी मर्दानी
तू बन जाती है!
तेरे प्यार से जग रोशन है
तुझ से ही संसार बसा है
तू आमना भी है दुर्गा भी है
तुझ से ही दुनिया आबाद हुई!
है कितने रूप तेरे माँ
जग में सबसे प्यारी तू
है कितने रूप तेरे माँ
जग में सबसे न्यारी तू।
माँ मरियम तेरा रूप निराला
क़दमों में जन्नत तेरे मा
जब हाथ उठे दुआ के लिए तेरे माँ
अर्श भी रो पड़ता है तेरी
दुआओं को सुनकर माँ !
रब से सिफारिश भी करते है
तेरी दुआ को लेकर
मुसवविर भी रोने लगते है
तेरी दुआ को सुनकर!
मन करता है घर बसा लूं
क़दमों में तेरे माँ
ज़िन्दगी भी पूरी न्योछावर कर दूँ
खिदमत में तेरे कम है माँ !
कितने रूप है तेरे माँ ,
कितना है प्यार तुझ में माँ !