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Arshad Mirza

Romance

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Arshad Mirza

Romance

कितनी खूबसूरत हो तुम लफ्जों में कैसे बताऊं तुम्हे

कितनी खूबसूरत हो तुम लफ्जों में कैसे बताऊं तुम्हे

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कितनी खूबसूरत हो तुम लफ्जों में कैसे बताऊं तुम्हे,

कितना प्यार करते हैं हम कैसे ये समझाऊं तुम्हें ।


शर्मीली आंखों से मुस्कुराकर वो नज़रें मिलाना तुम्हारा,

क़ातिल अदाओं से दिल को यूं घायल कर जाना तुम्हारा। 


प्यार करके इज़हार किए बिना वो मुस्कुराना तुम्हारा,

सामने बैठकर यूं गले लगाकर प्यार जताना तुम्हारा। 


फूल से होठों से वो खिलखिलाकर मुस्कुरा देना तुम्हारा, 

वो आंखों ही आंखों से प्यार करने का अंदाज़ निराला तुम्हारा। 


दिल तो ले ही लिया तुमनें घायल कर अपनीं इन अदाओं से,

जान भी ये अब तुम्हारी है चाहे पूछ लो इन सदाओं से। 


चाहता हूं मैं तुम्हे इतना कोई चाह नहीं पाएगा, 

प्यार करता हूं तुम्हे इतना कोई कर नहीं पाएगा। 


तुम मेरी ज़िन्दगी बन गई हो ये याद रखना, 

तुम मेरी बंदगी हो ये भी याद रखना।


तुम्हे पाया है मै नें बड़ी मन्नतों के बाद, 

तुम्हे जी भर के प्यार करूं इबादत की तरह हर इबादत के बाद।


मुझे बाहों में भर कर अब तो इज़हारे इश्क़ तुम भी कर दो,

मेरे मन्नते इश्क़ को क़ुबूल करके मेरी ज़िंदगी भी पूरी कर दो।




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