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Arshad Mirza

Classics Inspirational

4.7  

Arshad Mirza

Classics Inspirational

मैं गर्व से कहता हूं मेरी जान से प्यारे हिंदुस्तान को मैं गर्व से लिखता हूं

मैं गर्व से कहता हूं मेरी जान से प्यारे हिंदुस्तान को मैं गर्व से लिखता हूं

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मैं गर्व से कहता हूं मेरी जान से प्यारे

हिंदुस्तान को मैं गर्व से लिखता हूं,

जहां भी जाता हूं मैं गर्व से कहता हूं

अपने प्यारे हिन्दुस्तान पर मैं नाज़ करता हूं।


भारत में भले मैं हिन्दू और मुसलमान हूं,

मैं गर्व से कहता हूं मैं भारत का रहने वाला हिन्दुस्तानी हूं,

मैं लहू हिंदुस्तानी मिट्टी का हूं और दुश्मन के लिए

हिन्दू हूं ना मुसलमां हूं सिर्फ हिन्दुस्तानी हूं।


सुन ले ए दुश्मन मैं आज फिर से तुझे ये कहता हूं,

नजर मत उठाना कभी मेरी जान से प्यारे तिरंगे पर,

लहू से प्यारे वतन पर आंच कभी ना मैं आने दूंगा

जान हथेली पर रखकर मैं तेरे सब इरादे नाकाम कर दूंगा।


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