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Kaushik Dave

Drama Inspirational Others

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Kaushik Dave

Drama Inspirational Others

" कविता "

" कविता "

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ना देखो छंद और ग़ज़ल ! 

कविता में अभिव्यक्ति देखो 

चलती है तुकबंदी कविता में ! 

थोड़ा - सा स्माइल करके देखो 

फूलों के कलर को नहीं 

फूलों की सुगंध लेकर देखो 

इंसान की गलती नहीं

इंसान का प्यार देखो



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