कविता--पर्यावरण एवं जल प्रदूषण
कविता--पर्यावरण एवं जल प्रदूषण
कुछ काम हमे भी करना है
जिससे प्रसन्न हो आज धरा।
सब वातावरण प्रदूषित है
हर ओर विषैला धुआँ भरा।
ये धुआँ वाहनों का सब
पर्यावरण प्रदूषित करता है।
सब मीलों कारखानों का भी
कचरा नदियों में भरता है।
जल शुद्ध नहीं रख पाये तो
पशु पक्षी भी मर जाएंगे।
हम सब भी दूषित जल पीकर
बीमारी से घिर जाएंगे।
इसलिए बहुत आवश्यक है
मत पालीथीन प्रयोग करें।
सामान घरेलू लाने में
कागज़ कपड़े उपयोग करें।
पीने का जल हो स्वच्छ सदा
कुछ इसका उचित प्रबंध करें।
कम से कम ही उपयोग करें
जल व्यर्थ बहाना बन्द करें।
यह पर्यावरण बचाने को
धरती पर वृक्ष लगाना है।
जल शुद्ध रहे इसलिए हमें
नदियों को स्वच्छ बनाना है।
जल से यह धरा चमकती है
जल से धरती पर उपवन है।
धरती के पशु पक्षी मनुष्य
जल से ही सबका जीवन है।
हम सबको स्वस्थ बनाने में
यह सबसे बड़ा सहारा है।
जल और वायु अब शुद्ध रहे
यह भी कर्तव्य हमारा है।