कुम्भ मेला प्रयागराज
कुम्भ मेला प्रयागराज
गंगा यमुना सरस्वती का संगम प्रयाग राज
हिन्दु संत महात्माओं का हुआ कुम्भ संगम आज।
देश ही नहीं विदेश संत समागम होता है
हजारों लाखों भक्तों मेला आवागमन होता है।
जुगों जुगों निभा रही संस्कृति भारत सुहात
चारों मठों पीठेश्वर अखाड़ों अधिश्वरआते हैं।
कोटि कोटि देवी देवता संगम आधिस्ठाते हैं
परम विहंगम दृश्य गोचर संगम है आज।
नागा जिसने हर मोह त्यागा सगंम नहायेंगे
संतों संग धर्माधिकारी डुबकी प्रथम लगाएँगे।
आदि अनादि प्रयागराज बना तीर्थों सरताज,
चलो-चलो सब यह अवसर न चूक जाना है।
बूढ़े, जवान, बच्चे, माताओं कुम्भ कूच कर जाना है
बड़ा भाग्य आया दिव्य लोक देवता भी पछताना है।
कर स्नान कुम्भ संगम पाप मिटाओ महाराज।।
