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Sonam Kewat

Tragedy

4  

Sonam Kewat

Tragedy

कुछ वक्त की भीख

कुछ वक्त की भीख

1 min
360


जब पहली दफा मिली थी उससे 

तो समझी थी वह किसी और का है 

प्यार होना था तो हो गया 

हां उसी से जो किसी गैर का है।


फिर सोचा उसे इतना प्यार दूंगी कि 

वह मेरा और सिर्फ मेरा हो जाएगा 

भले वह साथ उसके होगा पर 

ख्वाब तो मेरा ही सजाएगा।


उसे भी मोहब्बत हो गई मुझसे 

कभी कभार वक्त निकाल लेता है 

बड़ी दुनियादारी हैं उसकी तभी तो

अक्सर लोगों की भीड़ में रहता है।


कहता है कुछ काम आ गया है 

तो जाना भी बहुत जरूरी है 

वह उलटे पांव चले जाता है 

ना रोक पाना मेरी मजबूरी है।


ऐसे करते-करते अब उसके पास 

मेरे लिए वक्त बिल्कुल बचा नहीं है 

दोस्त रिश्तेदार सब के साथ रहता है 

मेरे साथ होकर भी साथ रहता नहीं है ।


अब मंजर ऐसा है कि 

मैं घंटों इंतजार करती हूं 

वो कुछ मिनटों के लिए आता है

मैं तो कई दिनों तक इंतजार करती हूं 

और वो कुछ वक्त की भीख दे जाता है।



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