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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy Inspirational

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Praveen Kumar Saini "Shiv"

Tragedy Inspirational

अतीत की परछाई

अतीत की परछाई

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वो अतीत की काली परछाई

पल पल मन को दुखी कर जाती

कहने को होती है गलती छोटी

पर पूरा जीवन तबाह कर जाती

सुनने में लगती सामान्य सी बात

जीवन की समानता पर खत्म कर जाती

कभी आधी अधुरी सी वह कसक वाली

बात सब बातों की राजा बन जाती

वो अतीत की काली परछाई

पल पल मन को दुखी कर जाती

संभल सकते थे रिश्ते शायद

पर लोगों की सलाह रिश्तों मे नासूर बन जाती

जाने कब छोटी छोटी बातें लोगों

से हो कर विशाल पहाड़ बन जाती

सुलझ सकती थी जो कहानी थोड़े प्रयासों

से वह दुसरों की सलाह से उलझ जाती

कोर्ट कचहरी तक नादानी ना समक्षी

घसीट कर मान मर्यादा सब मिटा जाती

रिश्ते थे कल तक जो साथ होता उठना बैठना

पल भर में सब भुला कर दुश्मनी पर आ जाती

वो अतीत की काली परछाई

पल पल मन को दुखी कर जाती

शायद ना होती सलाह गैरों की और ना अपनों

से ली होती तो शायद आज अतीत की काली परछाई खाने को पुरी उम्र ना रह जाती।।



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