कुछ दूरियां
कुछ दूरियां
कुछ दूरियां कुछ मजबूरियां ,
भर देती है प्यार में दुश्वारियां,
कुछ अपने होते कुछ पराए ,
किस किस से प्यार को छुपाएं,।
जमाना है दुश्मन मेरे प्यार का ,
खोलते रहते हैं द्वार नफरत का ,
ना जाने क्यों उन्हें नहीं सुहाता ,
मेरा ही एक प्यार उनको दिख जाता,।
प्यार का दुश्मन है पूरा जमाना ,
ना चलता है कोई बहाना ,
बड़ी मुश्किल से मिलता है प्यार ,
पर उसके दुश्मन हैं हजार ,।