मैं जीवन दीप
मैं जीवन दीप
मैं जीवन दीप तुम्हारे लिए
टीम टीम जलता।
अतीत से आगम तक
स्थिर हूं तुम्हारे लिए।
और तुम मदहोश होना चाहते हो
जन्नत के कोनों तक।
जहां मन्द हो जाती हैं
मेरी किरणें।
तृष्णा से प्रेरित तुम्हारी
अक्षुण आशाएं।
उष्मीत आंसुओं के रूप में
बहती है जब पलकों से।
और तुम बढ़ाते हो कदम
इन्सानियत से आगे
जहाँ बंद हो जाती हैं
मेरे लिए राहें।
तरंगों के शिखरों पर
इठलाते तुम्हारी खुशियां।
जहाँ मृदुल किरणें भी
सप्त रंगी हो जाती हैं।
जब तूफान बन कर
उठती हैं हर सीमा तोड़ कर
जहाँ ज़ंग हो जाती है
मेरा जीवन दीप।
मैं जीवन दीप तुम्हारे लिए
टीम टीम जलता I